एक था तोता| नाम था गंगाराम| जैसा नाम था, वैसा ही निर्मल उसका मन था| एक रोज उसकी मां ने कहा, ‘बेटा, समय बुरा चल रहा है| Read more about गंगाराम और मंगाराम …
एक था तोता| नाम था गंगाराम| जैसा नाम था, वैसा ही निर्मल उसका मन था| एक रोज उसकी मां ने कहा, ‘बेटा, समय बुरा चल रहा है| Read more about गंगाराम और मंगाराम …
एक थी चिड़िया| एक रोज वह राजमहल पहुंची| वहां उसे एक गुड्डा मिला| वह खुश होकर ठुमक-ठुमक नाचने लगी, गाने लगी: Read more about गाती चिड़िया …
एक थी मैना| एक था कौआ| वह था मूरख| एक रोज उसने मैना की चाल चलने का फैसला किया| उस रोज मैना स्नान कर बरगद की शाख पर बैठी| Read more about कौआ चला मैना की चाल …
बरामदे में धनेश की कां-कां से मैं जाग गया, जिससे दादाजी को पता लग गया कि नाश्ते का समय हो गया है| मैं बिस्तर पर पड़ा खुले आसमान की ओर ताक रहा था| Read more about एक लंबी दौड़ …
यह कहानी हमारे पालतू गिरगिट हेनरी की है| Read more about एक गिरगिट हेनरी …
सर्दियों की एक शाम को उत्तरी भारत के देहरादून वाले अपने घर के आंगन की सीढ़ियों पर मैंने और मेरे दादाजी ने चित्तीदार उल्लू के एक बच्चे को देखा| Read more about परिवार में उल्लू …
एक दिन दादाजी तांगे वाले से पांच रुपये में टोटो को खरीदकर ले आये| तांगे वाला इस छोटे लाल बंदर को टट्टू के चारे-पानी की हौद से बांधकर रखता था| Read more about टोटो के कारनामे …
हालांकि, दादाजी के घर में विभिन्न प्रकार के पालतू पशु भरे पड़े थे| लेकिन मुझे सबसे ज्यादा पसंद वह नन्ही काली बकरी थी, जो सरसों के खेतों से एक दिन मेरे पीछे-पीछे मेरे घर तक आ गयी थी| Read more about सींगों वाली परी …
बाघ का शावक हमारा टिमोथी मेरे दादाजी को उत्तर भारत के देहरा नामक स्थान के पास तराई के जंगलों में शिकार यात्रा के दौरान मिला था| Read more about दादाजी का बाघ …
दिल्ली घूमने के दौरान मुकेश अपने मां-बाप के साथ चिड़ियाघर गया| वह रंग-बिरंगी चिड़ियों, सरीसृपों, लंगूरों और चिंपैंजियों और विशेषकर शेर, बाघ और तेंदुए जैसी बड़ी बिल्लियों को देखकर मंत्र-मुग्ध हो गया| Read more about मुकेश ने चिड़ियाघर बनाया …