श्री गुरू रामदास जी के परम ज्योति में विलीन हो जाने के पश्चात दस्तार बंदी की रस्म पूरा कर के, श्री गुरू अरजन देव जी गोईदवाल से वापिस अमृतसर आ गये। Read more about पृथी चन्द द्वारा गुरू-घर की नाका बंदी (Shri Guru Arjan Dev Ji) …
श्री गुरू रामदास जी के परम ज्योति में विलीन हो जाने के पश्चात दस्तार बंदी की रस्म पूरा कर के, श्री गुरू अरजन देव जी गोईदवाल से वापिस अमृतसर आ गये। Read more about पृथी चन्द द्वारा गुरू-घर की नाका बंदी (Shri Guru Arjan Dev Ji) …
श्री गुरू अरजन देव जी ने श्री अमृतसर में गुरू – दरबार की मर्यादा वही पहले गुरूजनों के अनुसार ही रखी। Read more about श्री गुरु अर्जन देव जी की दिनचर्या …
जब श्री गुरू रामदास जी के सच्चरखण्ड गमन और श्री गुरु अर्जुनदेव जी के गुरू गद्दी पर विराजमान होने का समाचार दूर प्रदेशों में पहुँचा तो वहाँ की संगत काफिले बना बना कर पाँचवे गुरूदेव जी के दर्शनों को उमड़ पड़ी। Read more about दैवी नम्रता के पुंज (Shri Guru Arjan Dev Ji) …
श्री गुरू अरजन देव जी के दरबार में एक दिन एक गुरमुख सिंघ नाम का श्रद्धालु उपस्थित हुआ और वह विनती करने लगा। हे गुरूदेव! Read more about भाई भिखारी जी (Bhai Bhikhari Ji) …
श्री गुरू अर्जुन देव जी के दरबार में एक दिन भाई पुरिया व भाई चूहड़ के नेतृत्व में दोआबा क्षेत्र का चौधरी मंगलसेन आया। Read more about दोआबा का चौधरी …
श्री गुरू अर्जुन देव जी एक दिन रामदास सरोवर की परिक्रमा कर रहे थे तो उनकी दृष्टि एक ब्राह्मण पर पड़ी जो अपने समक्ष एक मूर्ति स्थापित कर उस की पूजा अर्चना में व्यस्त था। Read more about मूर्ति उपासक ब्राह्मण …
श्री गुरू अर्जुन देव जी ने गुरू गद्दी प्राप्ति के पश्चात् उनके अपने भाई पृथ्वीचन्द द्वारा छल कपट के बल पर कृत्रिम आर्थिक नाकेबंध से उत्पन्न कठिनाइयों को झेलने पर भी विकास के कार्यो को ज्यों का त्यों जारी रखा। Read more about हरिमन्दिर साहिब का निर्माण (Shri Guru Arjan Dev Ji) …
श्री गुरू अर्जुन देव जी, राम दास सरोवर के केन्द्र में हरि मन्दिर साहब की इमारत का निर्माण करवा रहे थे, उन्हीं दिनों देश में वर्षा न होने के कारण कई क्षेत्र सूखाग्रस्त थे। Read more about व्यापारी गंगा राम जी (Ganga Ram Ji) …
भाई तीर्था जी जिनका उपनाम मंझ था, गाँव कंग भाई, जिला होशियारपुर, पँजाब के रहने वाले एक धनाढ़ किसान थे। आप अपने गाँव के सरपंच अथवा चौधरी थे। Read more about भाई तीर्था जी (मंझ) (Bhai Tirtha Ji Manjh) …
भाई मरदाना जी की अंश में से दो रबाबी भाई सत्ता जी व बलवंड जी, श्री अर्जुन देव जी के दरबार में प्रतिदिन प्रात:काल नियमानुसार कीर्तन (चौकी भरा) किया करते थे। Read more about गुरू घर के कीर्तनीये, सत्ता व बलवंड का रूठना (Satta Balwand) …