देवशयनी एकादशी - Devshayani Ekadashi

देवशयनी एकादशी

आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं| पुराणों में उल्लेख आया है कि इस दिन से भगवान् विष्णु चार मास तक पाताल लोक में निवास करते हैं और कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को प्रस्थान करते हैं| Read more about देवशयनी एकादशी

योगिनी एकादशी - Yogini Ekadashi

योगिनी एकादशी

आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है| इस एकादशी के व्रत में भगवान् नारायण की मूर्ति को गंगा जल से स्नान करा कर भोग लगाकर पुष्प, दीप से आरती की जाती है| Read more about योगिनी एकादशी

मोह भंग हुआ नारद का - Moh Bhang Hua Narad Ka

मोह भंग हुआ नारद का

एक बार देवर्षि नारद भगवान कृष्ण के पास द्वारका पहुंचे। भगवान कृष्ण ने सिंहासन से उठकर उनका स्वागत-सत्कार किया, और पूछा, “आओ नारद! कैसे आना हुआ?” Read more about मोह भंग हुआ नारद का

श्री गणेश जी का जन्म (प्रादुर्भाव) - Shri Gganesh ji ka Janam

श्री गणेश जी का जन्म (प्रादुर्भाव)

एक बार पार्वती जी की सखियां, जया एवम् विजया ने उनसे कहा कि आपका भी अपना एक गण होना चाहिए क्योंकि नंदी, भृंगी इत्यादि शिवजी के गण हैं और प्राय: वे उन्हीं के निर्देशों व आदेशों का पालन करते हैं। Read more about श्री गणेश जी का जन्म (प्रादुर्भाव)

सूर्य और संज्ञा की कथा

सूर्य और संज्ञा की कथा

देवलोक के शिल्पकार विश्वकर्मा की एक पुत्री थी। उसका नाम था-संज्ञा। वह दिन भर तपती धूप में खेला करती थी। सूर्य की तेज किरणों का जैसे उस पर कोई असर ही नहीं होता था। संज्ञा जब बड़ी हुई तो एक दिन विश्वकर्मा और उसकी पत्नी ने संज्ञा को बड़े मुग्ध भाव से सूर्य को निहारते देखा। यह देख विश्वकर्मा बोले, “देवी! ऐसा लगता है हमारी बेटी सूर्य पर मोहित हो गई है। देख रही हो, कितने मुग्ध भाव से सूर्य की ओर ताके जा रही है।” Read more about सूर्य और संज्ञा की कथा