बिना पूँछ की लोमड़ी - A Tailless Fox

बिना पूँछ की लोमड़ी

शिकारियों के हमले से एक लोमड़ी की जान तो बच गई। लेकिन उसकी पूँछ कट गई। उसे बहुत शर्म आ रही थी। अपनी शर्म छिपाने के लिए उसने सारी लोमड़ियों की सभा बुलाई और बोली, “मेरे साथियो, मेरे ऊपर ईश्वर ने विशेष कृपा की है और मेरी पूँछ हटा दी है। अब मैं सुखी और आरामदायक जीवन जी सकता हूँ। हमारी पूँछे तो कुरूप और बोझ जैसी हैं। हैरानी की बात है कि हमने अब तक अपनी पूँछों को काटा क्यों नहीं! मेरी सलाह मानो और सब लोग अपनी-अपनी पूँछे काट डालो।”

एक चालाक लोमड़ी उठ खड़ी हुई और हँसते हुए बोली, “अगर मेरी पूँछ भी कट गई होती, तब तो मैं तुम्हारी बात का समर्थन कर देती। लेकिन मेरी पूँछ तो सकुशल है तो मैं या बाकी लोमड़ियाँ अपनी-अपनी पूँछ क्यों काटें ? तुम अपनी स्वार्थी सलाह अपने पास ही रखो।”

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