गाँव वाले उसकी पुकार सुनकर दौड़े-दौड़े गए। जब वे लोग चरवाहे के पास पहुँचे तो वहाँ उन्हें कोई भेड़िया नहीं दिखा। चरवाहा गाँव वालों को देखकर जोर-जोर से हँसने लगा। उसने कई बार गाँव वालों के साथ यही मजाक किया। अब गाँव वालों को। उसकी पुकार पर भरोसा नहीं रहा।
एक दिन ऐसा हुआ कि सचमुच एक भेड़िया आ गया। चरवाहा गाँव वालों की ओर भागा और चिल्लाने लगा, “बचाओ! भेड़िया आया!”
गाँव वालों ने समझा कि चरवाहा तो हमेशा की तरह मजाक कर रहा है। गाँव वाले उसका चिल्लाना सुनकर हँसते रहे। जब चरवाहा बहुत गिड़गिड़ाया तो अनिच्छापूर्वक कुछ गाँव वाले उसके साथ गए। वहाँ सबने देखा कि भेड़िए ने कई सारी भेड़ों को मार डाला था।