चिकी की चलाकी - Chiki Manipulation

चिकी की चलाकी

खेत में चारों ओर सन्नाटा था| अपने बिल से चिकी और मिकी चूहे ताकझांक कर रहे थे|

लगता है कि आसपास बिल्लियां नहीं हैं फिर भी हमें सावधान रहना चाहिए” चिकी बोली “मुझे बहुत जोर की भूख लगी है मैं तो बाहर जा रहा हूं” इतना कहकर मिकी शहर निकल गया|

“क्या कोई बिल्ली नजर आ रही है?” चिकी ने पूछा “अरे बाप रे, एक मोटी बिल्ली अनाज की बोरियों पर सोई हुई हैं,” मिकी फुसफुसाया, “अब क्या करें? भूख के मारे जान निकल रही है|

चिकी चुहिया ने कहा, “दोपहर का समय है, बिल्ली का पेट भरा है, इसलिए वह खर्राटे ले रही है| झटपट जा कर कुछ अनाज खा लेंगे|”

दोनों दबे पांव अनाज की बोरियों के पास पहुंचे| जा सी आवाज होते ही वे आसपास छिप जाते फिर अपना सिर निकाल कर देखते कि कहीं वह मोटी बिल्ली जग तो नहीं गई| दोनों ने देखा कि एक बोरी के अनाज जमीन पर गिर रहे थे दोनों उस ओर गए| बिखरा अनाज खाने के बाद भी उन का पेट नहीं भरा|

“उस तरफ देखो मिकी वहां भी अनाज बिखरा पड़ा है|” उतावलेपन के साथ मिकी बोला|

“श…श…श… धीरे बोलो, देख नहीं रहे, वहां वह मोटी बिल्ली सोई हुई है| वहां जाते ही वह हमें दबोच लेगी,” चिकी ने उसे समझाया|

लेकिन मिकी नहीं माना वह तुरंत मोटी बिल्ली के सामने बिखरा अनाज खाने लगा| खटपट की आवाज सुन कर बिल्ली की नींद टूट गई| सामने एक चूहा दिखाई दिया| उस ने झट से मिकी को पंजे में दबोच लिया|

“आज बाख कर कहां जाओगे बच्चू?” वह बोली, “आज बहुत दिनों बाद चूहा नसीब हुआ|”

मिकी की सिट्टीपिट्टी गम हो गई, उधर अपने भाई को मुसीबत में देख कर चिकी भी डर गई वह धीरे से बिल्ली के पास पहुंची|

रुको मौसी, तुम मेरे भाई के बदले मुझे खा लो, मैं इस से ज्यादा मोटी हूं, यह तो मरियल सा है,” चिकी ने बिल्ली को लालच दिया|

बिल्ली की आंखें चमक गईं, ‘आज तो 2-2 चूहे मेरे पेट में होंगे| वह मन ही मन सोच रही थी|

“लेकिन मेरी एक शर्त है,” चिकी बोली, हम दोनों काफी भूखे हैं, पहले हमें पेट भरने दो|”

बिल्ली को भला क्या आपत्ति हो सकती थी| वह खुशीखुशी बोली, “उस बालटी में अनाज है, जितना चाहो खा लो|”

चिकी यही तो चाहती थी, उस ने मिकी को इशारा किया दोनों उस बालटी के पास पहुंचे अनाज खाने के बाद जब उन का पेट भर गया तो चिकी बोली, “अच्छा मौसी, टाटा, अब हम चलते हैं|”

बिल्ली बोली “ऐसे कैसे तुम्हें जाने दूंगी,” लार टपकाते हुए बिल्ली उन की ओर लपकी तभी दोनों भाईबहन ने मिल कर अनाज की बालटी उस के सामने गिरा दी जमीन पर बिखरे अनाज पर पैर पड़ते ही बिल्ली फिसल गई और वह धड़ाम से जमीन पर गिर पड़ी उस की कमर टूट गई|

“मैं मरी|” वह अपने टूटी कमर ले कर भागी| “जल्दी चलो यहां से,” चिकी बोली, “कोई दूसरी बिल्ली आ गई, “तो फिर मुसीबत में पड़ जाएंगे,” दोनों वहां से भाग कर अपने बिल में घुस गए|

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