एक दिन वहाँ हाथियों का एक झुंड आया। हाथियों के पैरों तले दबकर सैकड़ों चूहे दबकर मर गए।
बचे हुए चूहे बहुत चिंतित हुए। चूहों के सरदार ने कहा, “हमें इन हाथियों से दया का अनुरोध करना चाहिए।”
सारे चूहों ने मिलकर हाथियों के मुखिया से अनुरोध किया, “आप लोगों के झील जाते समय हमारे सैकड़ों साथी आप लोगों के पैरों तले दबकर मर गए। हमारा अनुरोध है कि आप लोग झील जाने के लिए किसी दूसरे रास्ते का प्रयोग करें।”
हाथियों का मुखिया मान गया। एक दिन, राजा ने जंगल के सारे हाथियों को पकड़ने का आदेश दिया। जंगल में जाल लगा दिए गए। एक को छोड़कर सारे हाथी जाल में फंस गए। बचा हुआ हाथी चूहों के सरदार के पास पहुँचा और उससे सहायता माँगने लगा। सभी चूहे। तुरंत जालों की ओर भागे। वहाँ पहुँचते ही सभी ने जल्दी से अपने नुकीले दाँतों से जालों को कुतरना शुरू कर दिया। देखते ही देखते जाल कट गए और सारे हाथी मुक्त हो गए।
दया के बदले और अधिक दया मिलती है।