परिचय से मिलता है साहस

जादू के हीरे की खोज में

राजकुमारी रजनी तो अपनी शादी की शर्त रखकर चली गई परन्तु राजे-महाराजे इस विचित्र शर्त के विषय में सोचकर निराश हो रहे थे| वे जानते थे कि किसी हीरे का जुड़वाँ भाई आज तक पैदा नहीं हुआ| यह तो केवल जादू के ज़ोर से ही बनाया जा सकता है|

यही सोचते हुए निराश होकर सारे राजा-राजकुमार उठकर अपने-अपने घरों को जाने लगे| इनमें एक राजकुमार सुन्दर सिंह राजकुमारी को अपना दिल दे बैठा था| उसने यह फैसला कर लिया था कि मैं उस हीरे से मिलता-जुलता हीरा खोजकर ज़रूर लाऊँगा| भले ही मैं इस काम में मिट जाऊँ या मेरी जान चली जाए परन्तु मैं हार नहीं मानूँगा|

यही सोचकर राजकुमार सुन्दर सिंह उस हीरे की खोज में घने जंगलों में निकल गया| उसे इस बात का तो पूरा विश्वास था कि ऐसे किसी भी हीरे के विषय में तपस्या करने वाले ऋषि-मुनि से ही पता चल सकता है| जादू का हीरा जादू की शक्ति से मिल सकता है|

जंगल में चलते-चलते वह थक गया तो एक वृक्ष के नीचे लेटकर विश्राम करने लगा| थोड़ी देर के बाद उसने देखा कि वृक्ष पर एक सात रंगों वाली चिड़ियों का जोड़ा आकर बैठ गया| राजकुमार ने पशु-पक्षियों की भाषा का थोड़ा बहुत ज्ञान एक जादूगर से प्राप्त कर रखा था| यही कारण था कि वह उन दोनों की भाषा समझ रहा था| वह बड़े ध्यान से उनकी बातें सुनने लगा|

चिड़िया ने अपने पति से कहा – “इस जंगल में रहते हुए हमें इतने वर्ष बीत गए परन्तु यहाँ का वातावरण हमें रास नहीं आया| मेरा मन चाहता है कि हमें अब और ही कहीं चलना चाहिए|”

“यदि तुम यही चाहती हो तो ठीक है| कल सुबह जैसे ही दिन निकलेगा तो हम किसी और स्थान की और चल देंगे|”

अपने पति की बात सुनकर कुछ देर तो चिड़िया शान्त बैठी रही फिर थोड़ी देर के बाद बोली – “देखो, इस वृक्ष के नीचे एक यात्री लेटा हुआ है| शक्ल से तो वह बहुत चिन्तित लगता है| शायद कोई दुःखी आदमी है|”

“अरी यह तो मंगलपुर देश का राजकुमार सुन्दर सिंह है| असल में यह बेचारा राजकुमारी रजनी से प्रेम करता है| राजकुमारी ने अपने विवाह के लिए यह शर्त रखी है कि जो भी मेरे हीरे से मिलता – जुलता हीरा लेकर आएगा मैं उसी से विवाह करुँगी| इस बेचारे को यह भी नहीं पता कि वह तो जादू का हीरा है| ऐसा हीरा इसे कहाँ मिलेगा? उसके बारे में न तो यह जानता है न ही राजकुमारी|”

“तो क्या आप जानते हो?”

“हां|”

“तो फिर मुझे बताओ न इसकी कहानी|”

तब चिड़िया का पति बोला – “मेरी प्रिय चिड़िया! गंगाजी के तट के पास एक वृक्ष पर कोई पक्षी रहता था| वह तीस वर्ष के पश्चात एक अंडा देता था जो की एक ही होता था| एक बार उसने दो अंडे दे दिए| उनमें से एक हीरा (अंडा) तो परियों के राजा शंकर देव के हाथ लग गया और दूसरा अंडा मालद्वीप के राजा के हाथ लग गया|

अब जो हीरा राजकुमारी रजनी के पास है वह तो मालद्वीप के राजा ने अपनी लड़की (रजनी की माँ) को दहेज में दिया था| अब जिस हीरे की तलाश में यह राजकुमार भटक रहा है वह परियों के राजा के पास है| यदि यह किसी तरह से परियों के राजा के पास पहुँच जाए तो इसे वह हीरा मिल सकता है परन्तु उस हीरे को पाने के लिए परियों ने अपनी ओर से एक शर्त रख रखी है|”

“वह क्या शर्त है?” चिड़िया ने पूछा|

“परियों का राजा सबसे पहले यही पूछता है कि यह हीरा कहाँ से आया| जो भी उसे इस हीरे की असल बात देगा उसे यह हीरा राजा की ओर से इनाम की रूप में मिल जाएगा|”

चिड़िया बोली – “तो फिर यह कौन सा कठिन काम है?”

“मेरी प्रिय चिड़िया| यह काम बड़ा कठिन है, क्योंकि परियों के देश तक पहुँचना बड़ा ही कठिन काम है क्योंकि वह देश जादूगरों का है| यदि कोई इस दुनियाँ का आदमी वहाँ पहुँच जाता है तो वे उसे मार देते हैं|”

“यह तो बहुत बुरी बात है|” चिड़िया उदास होकर बोली| फिर उसने अपने पति से कहा – “क्या वहाँ तक जाने का कोई रास्ता भी है?”

“है|”

“तो बताओ|”

“तुम इस राजकुमार के पास जाकर कहो कि हमारे थोड़े से पंख अपने पास रख ले| इनके बहुत काम आएँगे क्योंकि वहाँ पर बहुत से जानवर रहते हैं| यदि हमारे पंखों को जलाकर यह अपने शरीर पर मल लेगा तो सारे जानवर इसे देखते ही दूर भाग जाएँगे| इन परों के मलने से वह भी देवता जैसा नज़र आने लगेगा| परियों ke देश में देवता को कुछ नहीं कहते| हाँ इसे हमारे सफेद पंख अपने पास रखने होंगे| जब इसका काम हो जाए तो उन्हें जलाकर अपने शरीर पर मल लेगा तो यह अपने असली रूप में वापस आ जाएगा| परियों का राजा इससे हीरे की कहानी पूछेगा तो यह अपनी सारी बात और हीरे की पूरी कहानी सुना इस पर और वह प्रसन्न होकर उसे हीरा निकालकर दे देगा| बस इस बेचारे का काम हो जाएगा| इसे हीरा मिल जाएगा| वह हीरा राजकुमारी को मिलेगा तो वह इससे विवाह कर लेगी|” यह कहते हुए चिड़िया और उसका पति उड़ गए|

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