जंगल के सभी जानवरों ने उसे अपना राजा मान लिया। एक दिन, जब नीला सियार अपना दरबार लगाए बैठा था, तभी उसे कुछ और सियारों के हुआ-हुआ चिल्लाने की आवाजें सुनाई दीं। अपने साथियों की आवाजें सुनकर वह इतने जोश में आ गया कि वह भी जोर-जोर से हुआ-हुआ चिल्लाने लगा। सारे जानवर समझ गए कि उनका ये राजा कोई और नहीं, बल्कि सियार ही है। वे सब बहुत नाराज हुए। उन सबने मिलकर सियार की अच्छी पिटाई की और उसे वहाँ से भगा दिया।