आखिरकार, कोबरा ने एक बड़े पेड़ पर अपना घर बनाने का निश्चय किया, लेकिन उस पेड़ के तने के नीचे चींटियों की एक बड़ी बाँबी थी, जिसमें बहुत सारी चींटियाँ रहती थीं। वह गुस्से में फनफनाता हुआ बाँबी के पास गया और चींटियों को डाँटकर बोला, “मैं इस जंगल का राजा हूँ। मैं नहीं चाहता कि तुम लोग मेरे आस-पास रहो। मेरा आदेश है। कि तुम लोग अभी अपने रहने के लिए कोई दूसरी जगह तलाश लो। अन्यथा, सब मरने के लिए तैयार हो जाओ !”
चींटियों में काफी एकता थी। वे कोबरा से बिलकुल भी नही डरीं। देखते ही देखते हजारों चींटियाँ बाँबी से बाहर निकल आई। सबने मिलकर कोबरे पर हमला बोल दिया। उसके पूरे शरीर पर चींटियाँ रेंग-रेंगकर काटने लगीं! दुष्ट कोबरा दर्द के मारे चिल्लाते हुए वहाँ से भाग गया।