सभी लोगों ने बहुत सराहना की और बंदर को सभी ने बहुत अच्छा नर्तक मान लिया। ऊँट से बंदर की सराहना सहन नहीं हुई और उसने भी नाचना शुरू कर दिया। उसका नाच बिलकुल बेतुका और बेढंगा था। उसका नाच किसी को भी पसंद नहीं आया और सबने उसकी बुराई की। उसने ईष्र्या से भरकर नाच किया था, इसलिए उसे दंड के रूप में जंगल से निकाल दिया गया।
अगर तुम अपनी बाँह से अधिक अपना हाथ पसारोगे, तो तुम्हें हानि ही होगी।