एक दिन, हर तरह के खतरों का सामना करते हुए नेक मछली कीचड़ में जगह बनाती हुई सतह पर आई। उसने वर्षा के देवता इंद्र से प्रार्थना की, “हे देव! हमारे पाप क्षमा कर दो। कृपया बारिश को भेजकर हमें इस संकट से निकालो।” उसकी यह गुहार सुनकर स्वर्ग से लेकर नर्क तक, हर किसी के मन में दया पैदा हो गई। इंद्र ने वर्षा को पृथ्वी पर भेज दिया और महान नेक मछली तथा उसके साथी बच गए।