हंस और उल्लू - The Swan and Owl

हंस और उल्लू

बहुत समय पहले, एक झील के किनारे एक हंस रहता था। एक उल्लू भी वहीं आकर रहने लगा। वे दोनों साथ में खुशी-खुशी रहने लगे।
जब गर्मियों का मौसम आया, तो उल्लू वापस अपने घर जाने के बारे में सोचने लगा। उसने हंस से भी साथ चलने को कहा। हंस बोला, “जब नदी सूख जाएगी, तो मैं तुम्हारे पास आ जाऊँगा।”

जब नदी सूख गई तो हंस उल्लू के पास उसके बरगद के पेड़। पर पहुँच गया। हंस जल्दी सो जाता था।

तभी कुछ राहगीर वहाँ से निकले और आराम करने के लिए उसी पेड़ के नीचे बैठ गए।

उन राहगीरों को देखकर, उल्लू जोर से चिल्लाया। राहगीरों ने इसे अपशकुन माना और उल्लू पर तीर से निशाना मार दिया। उल्लू को तो अंधेरे में दिखता था, इसलिए वह तीर से बच गया और उड़ गया। उसके बदले में वह तीर हंस को लग गया और वह मर गया!

इसी कारण सही कहा गया है कि नई जगह पर हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *