एकता में शक्ति है - Unity is Strength

एकता में शक्ति है – Unity is Strength

एक समय की बात है, कबूतरों का एक झुंड एक पेड़ पर रहता था| हर सुबह खाना ढूँढने के लिए वे आसपास के स्थानों पर उड़कर जाते थे|

एक बार पेड़ के नीचे मैदान पर उन्हें बहुत से अनाज के दाने बिखरे हुए दिखाई दिए| अपने भाग्य को सराहते हुए सभी नीचे उड़ने के लिए उत्सुक हो गए|

उनके नेता ने उन्हें रोकते हुए चेतवानी दी, “रुको, मैदान में इन दानों का ऐसे पड़े होने का कोई कारण मुझे समझ नहीं आ रहा| इसमें अवश्य ही कुछ रहस्य है|”

झुंड ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया| वे मैदान में उतर गए और दोनों को चुगना शुरू कर दिया| जब पेट भरने पर कबूतरों ने उड़ने की कोशिश की तब उन्हें पता चला कि वे जाल में फँस चुके थे| वे स्वयं को छुड़ाने के लिए छटपटा रहे थे, तभी उन्होंने शिकारी को सामने से आते हुए देखा|

कबूतरों का नेता बुद्धिमान और बहादुर था| वह तुरंत पेड़ से नीचे आया और उन्हें बोला, “मेरी बात ध्यान से सुनो, दोस्तों हम मुसीबत में पड़ गए हैं परंतु हमें आशा नहीं छोडनी चाहिए|”

“मुझे एक उपाय सूझा है| हम बिना किसी नुकसान के इस स्थिति से बच सकते हैं| हमें एक साथ उड़ना होगा, इस जाल को भी हम आसानी से अपने साथ उड़ा लेंगे,” उसने कबूतरों को प्रोत्साहित करते हुए बोला|

कबूतरों ने एक साथ अपने पंख फड़फड़ाए और देखते ही देखते हवा में ऊँचे उड़ गए| शिकारी असहाय सा उनके पीछे भागने लगा परंतु शीघ्र ही कबूतर जाल लेकर रफूचक्कर हो गए|

थोड़ी देर उड़ने के बाद वे अपने दोस्त चूहे के पास पहुँचे| उन्होंने चूहे से कहा, “दोस्त हम इस जाल में फँस गए हैं| तुम हमारी मदद करो जिससे हम इस जाल से छूट जाएँ|”

कथा सार: एकता में शक्ति का वास है|

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