चींटी - Ant

चींटी

छोटी-सी चींटी को कौन नहीं जानता ? इसे चिउंटी, च्यूटी, पिपीलिका या कीड़ी कहते हैं। यह जरा-सी होती है। कई बार पैरों के नीचे आकर कुचली जाती है। यह जिस काम में लग जाए उसे पूरा करके छोड़ती है। अपने आप से बड़े कण को घसीटकर ले चलती है। भूमि और दीवार पर छोटे-छोटे छेदों में जा घुसती है। चींटियां कतार बांधकर भी चलती हैं। वे दीवार पर जा चढ़ती हैं।

चींटियों को मीठा बहुत प्यारा लगता है। रसदार मीठी चीजों में चींटियां जा धंसती हैं । फिर वहां फंस जाती हैं। बाहर नहीं निकल सकतीं । लालच बुरी बला है। शहद में चींटियां पड़ जाएं तो उन्हें निकालना कठिन होता है । ये तेल में डूब जाती हैं । तेल वाली चिकनी चीज पर भी जा चढ़ती हैं । | ये हर समय काम में लगी रहती हैं। कभी थकती नहीं । अपने बिल में अपने लिए भोजन इकट्ठा करती रहती हैं। बरसात में अनगिनत चींटियां अपने अण्डे लेकर बाहर निकल आती हैं।

लगातार चलते रहने से बहुत-सा रास्ता चल लेती हैं। थोड़ा-थोड़ा करके बहुत काम कर लेती हैं।

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