त्योहारों को हर्ष और उल्लास का प्रतीक माना जाता है। इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले समस्त प्राणी जीव-जन्तु, पशु-पक्षी और मनुष्य जीवनयापन के लिए परिश्रम करते हैं। समस्त प्राणी मुख्यतः पेट की भूख शान्त करने के लिए परिश्रम करते हैं। परन्तु पेट की भूख के अतिरिक्त विशेषतः मनुष्य को आनन्द और मनोरंजन की भी आवश्यकता होती है। जीवन में आनन्द उत्पन्न करने के उद्देश्य से ही मनुष्य त्योहार मनाता है। अपनी-अपनी सभ्यता एवं संस्कृति के अनुसार मनुष्य ने अपने-अपने त्योहार बनाए हुए हैं। इस पृथ्वी के अलग-अलग भागों में रहने वाले लोगों के अपने अलग-अलग त्योहार हैं, जिनमें उनकी सभ्यता एवं संस्कृति का समावेश होता है। त्योहार सामूहिक रूप से मनाए जाते हैं, इसलिए किसी भी देश के त्योहारों में वहाँ की संस्कृति की पहचान स्थापित होती है। भाईचारे का संदेश देने वाले त्योहार वास्तव में किसी भी राष्ट्र के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं। त्योहारों में किसी भी राष्ट्र की संस्कृति के अतिरिक्त वहाँ की धार्मिक आस्था, ऋतुओं का महत्त्व और राष्ट्र के संघर्ष की झलक दिखाई देती है। हमारा विशाल भारत विविधताओं से परिपूर्ण है, अतः यहाँ प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले त्योहारों की एक लम्बी कतार है। भारत में विभिन्न संस्कृति एवं विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, इसलिए यहाँ प्रायः हर्ष और उल्लास के साथ त्योहार मनाते जन समूह देखे जा सकते हैं।
हमारे देश के राष्ट्रीय त्योहारों में सभी धर्मों की भागीदारी होती है। यहाँ के प्रमुख त्योहारों में दीपावली, विजय दशमी, होली, ईद, जन्माष्टमी, मोहर्रम, महावीर जयंती, रक्षा बन्धन, गुरु नानक जयंती, क्रिसमस दिवस आदि धार्मिक आस्था तथा गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयन्ती, बाल दिवस आदि राष्ट्रीय महत्त्व के त्योहारों को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। हमारे भारत के सभी त्योहार हमारे हैं। यहाँ सभी त्योहारों में विभिन्न धर्मों के लोगों का हर्ष और उल्लास देखने लायक होता है। यहाँ हिन्दुओं की धार्मिक आस्था से जुड़े पर्व दीपावली पर देशभर में रोशनी की जाती है। यहाँ मुसलमानों के ईद पर विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा ईद-मिलन में भाग लिया। जाता है। गुरु नानक जयन्ती पर यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग गुरुद्वारों के उल्लास और उत्साहपूर्ण वातावरण में आनंदित होते हैं। इसी प्रकार क्रिसमस दिवस को भी यहाँ देशभर में विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
भारत के प्रमुख त्योहारों के अतिरिक्त यहाँ देश के अलग-अलग प्रान्तों में स्थानीय लोगों द्वारा अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। हरियाणा-पंजाब में बैसाखी की मस्ती देखने लायक होती है। पंजाब-दिल्ली में लोहड़ी की धूम देखने को मिलती है। दक्षिण भारत में ओणम धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश-उत्सव की धूम महाराष्ट्र में अधिक देखने को मिलती है। विजय दशमी को बंगाल में अधिक धूमधाम से मनाया जाता है। होली के रंगों की बौछारें उत्तरी और पूर्वी भारत में अधिक देखने को मिलती हैं। राम-नवमी और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को भारत के उत्तरी क्षेत्रों में अधिक उत्साह से मनाया जाता है। परन्तु रोजगार के कारण भारत के विभिन्न प्रान्तों के लोगों का अन्य प्रान्तों में आवागमन चलता रहता है, अतः सम्पूर्ण भारत में सभी प्रान्तों के तीज-त्योहारों का रंग देखने को मिलता है। हमारे भारत को पर्वो का देश कहा जाता है। हमारे विशाल भारत में इतनी अधिक संख्या में जाति, धर्म एवं संस्कृति रच-बस गयी हैं कि यहाँ प्रतिदिन सूर्य एक नये पर्व के साथ उदय होता है। यह प्रसन्नता का विषय है कि हमारे भारत में हर्ष और उल्लास के पर्वो के सर्वाधिक रंग हैं। इतनी अधिक संस्कृतियों को पनाह देने वाला हमारा देश भारत वास्तव में महान है।