शतरंज का खेल हर कोई नहीं खेल पाता। पुराने जमाने के खेलों में शतरंज का खेल काफी अच्छा माना जाता था। आज भी माना जाता है। पहले राजा-महाराजा अपना मन बहलाने के लिए शतरंज खेला करते थे। ___शतरंज को अंग्रेजी में ‘Chess’ कहते हैं। Chess’ शब्द की उत्पत्ति ‘शाह’ शब्द से हुई। ‘शाह’ पर्शियन भाषा का शब्द है। शाह का अर्थ है ‘राजा’। इसी शब्द से बादशाह’ बना है। बादशाह का अर्थ ‘महाराजा’ है।
शतरंज का जन्म भारत में हुआ। रावण की पत्नी का नाम मंदोदरी था। वह बहुत चतुर महिला थी। जब उसने देखा कि लंका में राक्षस आए दिन मार-काट मचाते रहते हैं तब उसने राक्षसों को शतरंज का खेल सिखा दिया। इस कारण सब राक्षस शतरंज के खेल में ही लगे रहते थे। कहा भी जाता है-‘खाली दिमाग शैतान का घर’ होता है।
इस तरह से भारत के लोगों ने शतरंज का खेल सीखा था। यह खेल काफी समय तक भारत में ही खेला जाता रहा। लंबे समय के बाद यह खेल धीरे-धीरे दुनिया के कई देशों में पहुँच गया। इस खेल को सोवियत रूस ने बड़ी गंभीरता से लिया। यही कारण है कि शतरंज आज रूस का ‘राष्ट्रीय खेल’ बन चुका है।
सन् १८५१ में पहली बार अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता लंदन में आयोजित __ अपना देश शतरंज के खेल में काफी आगे है। भारत ने अब तक कई विश्व शतरंज प्रतियोगिताएँ जीत ली हैं। विश्वनाथन आनंद भारत के शीर्षस्थ खिलाड़ी हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। शतरंज के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है। अब तो स्थानीय स्तर पर इसकी प्रतियोगिताएँ आयोजित होती हैं।