घोड़ा बड़े काम का पशु है। इसमें बड़ी शक्ति होती है। इसका कद चार-पांच फुट होता है। इसके कान छोटे-छोटे होते हैं । पूंछ और टांगें लम्बी होती हैं। इसके गले पर बाल होते हैं। घोड़े के खुरों में लोहे की नाल ठोंकते हैं। इससे यह सड़क पर फिस लता नहीं। घोड़े का रंग भूरा, सफेद, काला-सा या चितकबरा होता है। यह घास और दाना खाता है।
घोड़े पर जीन चढ़ाकर सवारी करते हैं। यह तांगे, बग्घी, घोड़ागाड़ी आदि में भी जोता जाता है। यह बहुत तेज दौड़ता है। इसे वश में रखने के लिए इसके मुंह में लगाम लगाते हैं। घोड़े घुड़साल में बांधे जाते हैं।
पुराने समय में वीर सैनिक घोड़े पर चढ़कर युद्ध किया करते थे। घुड़सवार सेना पैदल सेना से अधिक शक्तिशाली समझी जाती थी। विवाह के समय वर सजी हुई घोड़ी पर बैठकर वधू के घर जाता है।
घोड़ा बहुत स्वामिभक्त पशु है।