अदृश्य की ‘लिपि’ भाग्य है और लक्ष्य पूरा करने के लिए अपनी समस्त शक्तियों द्वारा परिश्रम करना ‘पुरूषार्थ’ है। Read more about भाग्य और पुरुषार्थ …
अदृश्य की ‘लिपि’ भाग्य है और लक्ष्य पूरा करने के लिए अपनी समस्त शक्तियों द्वारा परिश्रम करना ‘पुरूषार्थ’ है। Read more about भाग्य और पुरुषार्थ …
मृत्युदंड वास्तव में किसी भी सजा के लिए दिया जाने वाला सबसे कठोर दंड होता है। ‘मृत्युदंड’ शब्द सुनते ही दिल-दिमाग में उन शासकों की छवि सामने आती है, Read more about मृत्युदंड …
सदियाँ बीत जाने के बावजूद, आज भी, नारी शोषण से मुक्त नहीं हो पाई है। उसके लिए दहेज सबसे बड़ा अभिशाप बन गया है। लड़की का जन्म माता-पिता के लिए बोझ बन जाता है। Read more about दहेज का अभिशाप …
एक दिन मेरे मित्र अपने भाई के भोलेपन का वर्णन करते हुए कहने लगे, ”अरे साहब, उनकी कुछ न कहिए। वे तो इतने सीधे हैं कि लोग उन्हें ‘गऊ’ कहते हैं।” Read more about गाय और उसकी उपयोगिता …
राष्ट्र धर्म और नागरिक एक सिक्के के दो पहलू हैं। राष्ट्र की उन्नति और समृद्धि इस बात पर टिकी है कि उस देश के नागरिकों को अपने कर्तव्य का बोध है कि नहीं। Read more about राष्ट्र धर्म और नागरिक …
20वीं सदी में कम्प्यूटर क्षेत्र में आयी क्रान्ति के कारण सूचनाओं की प्राप्ति और इनके संसाधन में काफी तेजी आयी है। इस क्रांति के कारण ही हर किसी क्षेत्र का कम्प्यूटरीकरण संभव हो पाया है। Read more about कम्प्यूटर – आज की आवश्यकता …
भारत विश्व के गतिशील, विकासशील एवं अग्रिम दृष्टियुक्त देशों में से एक के रूप में इक्कीसवीं शताब्दी में प्रवेश कर चुका है, परन्तु क्या हम प्रभावी रूप से अपने सपने को साकार कर सकते हैं? Read more about भारत में कम्प्यूटर क्रान्ति …
महात्मा बुद्ध बौद्ध धर्म के प्रवर्तक हैं। उनका जन्म लुंबिनी नामक स्थान पर राजा शुद्धोदन के यहाँ हुआ था। Read more about बौद्ध धर्म …
भारत में भगवान के बाल रूप के अनेक मंदिर हैं जैसे बाल गणेश, बाल हनुमान, बाल कृष्ण एवं बाल गोपाल इत्यादि। भारतीय दर्शन के अनुसार बाल रूप को स्वयं ही भगवान का रूप समझा जाता है। Read more about बाल श्रम …
ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह हैं। ईसाई लोग उन्हें प्रभु यीशु के नाम से जानते हैं। ‘बाइबिल’ के अनुसार यीशु का अर्थ ‘उद्धारकर्ता’ है। ईसा मसीह का जन्म बैथलहम में हुआ था। Read more about ईसाई धर्म …