तोता हरे रंग का पक्षी है। यह बड़ा प्यारा लगता है। तोते को देखकर बच्चे बड़े प्रसन्न होते हैं । तोते की चोंच लाल होती है। किसी-किसी तोते के गले में लाल माला-सी होती है। उसे कंठी वाला तोता कहते हैं।
तोता उड़कर फल वाले वृक्षों पर जा बैठता है। अपनी चोंच से बेर आदि फलों को कुतर-कुतरकर खाता है। कुछ नीचे गिरा देता है।
प्रातःकाल तोतों के झुंड कतारें बांधकर उड़ते हुए दूर-दूर चले जाते हैं। सायंकाल को फिर वैसे ही उड़ते हुए अपने घोंसलों की ओर लौट आते हैं।
तोता सिखाने पर मनुष्य की बोली बोल सकता है। कई लोग पिंजरे में तोते को पालते हैं। उसे रामराम, सीताराम आदि कुछ बोलना सिखाते हैं। तोते को गंगाराम या मिट्ठू भी कहते हैं। बच्चे पाले हुए तोते से पूछते हैं-गंगाराम, चूरी खाएगा?
तोता बन्धन को बुरा समझता है। पिजरा जरासा खुला रह जाए तो झट उड़ जाता है। तोते की कई कहानियां प्रसिद्ध हैं। यह सन्देशा भी ले जाता है।