एक बार युधिष्ठिर ने पितामह भीष्म ने पूछा, “पितामह ! क्या आपने कोई ऐसा पुरुष देखा या सुना है, जो एक बार मरकर पुन: जी उठा हो ?” Read more about धैर्य से पुन: सुख की प्राप्ति …
एक बार युधिष्ठिर ने पितामह भीष्म ने पूछा, “पितामह ! क्या आपने कोई ऐसा पुरुष देखा या सुना है, जो एक बार मरकर पुन: जी उठा हो ?” Read more about धैर्य से पुन: सुख की प्राप्ति …
वनवास के समय पाण्डव द्वैत वन में थे | वन में घूमते समय एक दिन उन्हें प्यास लगी | धर्मराज युधिष्ठिर ने वृक्ष पर चढ़कर इधर-उधर देखा | Read more about धर्मो रक्षति रक्षितः …
भीमसेन का विवाह हिडिंबा नाम की एक राक्षसी के साथ भी हुआ था | Read more about मायावी घटोत्कच …
राजा विराट के पुत्र का नाम उत्तर था | वह स्वभाव से बड़ा दंभी, सदा अपने पराक्रम का बखान करने वाला था | Read more about राजकुमार उत्तर …
दुर्योधन के कपट-द्यूत में सर्वस्त्र हारकर पांडव द्रौपदी के साथ काम्यक वन में निवास कर रहे थे, परंतु दुर्योधन के चित्त को शांति नहीं थी | Read more about विश्वास हो तो भगवान सदा समीप हैं …
प्राय: भगवान श्रीकृष्ण की पटरानियां ब्रजगोपियों के नाम से नाक-भौं सिकोड़ने लगतीं | इनके अहंकार को भंग करने के लिए प्रभु ने एक बार एक लीला रची | Read more about पेट दर्द की विचित्र औषधि …
हिमालय की तराई में एक सघन वन था | वन में तरह-तरह के पशु-पक्षी रहते थे | वहीं जगह-जगह ऋषियों की झोंपड़ियां भी बनी हुई थीं | Read more about किरात युद्ध …
संध्या के पूर्व का समय था | एकचक्रा नगर के एक मकान के एक कमरे में सात मनुष्य बैठे हुए परस्पर वार्तालाप कर रहे थे | Read more about गर्व-भंग …
शकुनि गांधारराज सुबल का पुत्र था | गांधारी इसी की बहन थी | वह गांधारी के स्वभाव से विपरीत स्वभाव वाला था | Read more about कपटी शकुनि …
एक बार भगवान श्रीकृष्ण हस्तिनापुर से दुर्योधन के यज्ञ से निवृत्त होकर द्वारका लौटे थे | यदुकुल की लक्ष्मी उस समय ऐंद्री लक्ष्मी को भी मात कर रही थी | Read more about धन्य कौन …