बसंत पंचमी - Basant Panchami (Saraswati Puja)

बसंत पंचमी – Basant Panchami (Saraswati Puja)

बसंत पंचमी, ज्ञान, संगीत और कला की देवी, ‘सरस्वती’ की पूजा का त्यौहार है। यह हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्यौहार है| इसे ‘श्रीपंचमी’ भी कहते हैं| इसके साथ कई प्राचीन मान्यताएं भी समाज में जुड़ी हुई हैं| इस दिन बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है तथा कामदेव की पूजा की जाती है| सबसे महत्वपूर्ण विद्या की देवी सरस्वती पूजा की जाती है तथा परंपरागत पहनावे जैसे पुरुष कुर्ते पजामे में तथा स्त्रियां पीले या बसंती रंग की साड़ी में देखी जाती हैं और बसंती रंग का भोजन करते हैं तथा मिठाइयाँ बाँटते हैं। बसंत पंचमी पर हमारी फसलें-गेहूँ, जौ, चना आदि तैयार हो जाती हैं और कहीं-कहीं पर बसंती रंग की पतंगें उड़ाने का कार्यक्रम भी बड़ा ही रोचक होता है।

वसंत पंचमी की कथा

इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने के पीछे भी एक पौराणिक कथा है| इनकी सबसे पहले पूजा श्रीकृष्ण जी और ब्रह्मा जी ने की थी| देवी सरस्वती ने जब श्रीकृष्ण जी को देखा तो उनके रूप पर मौहित हो गई और पति के रूप में पाने की इच्छा करने लगी| जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण जी को इस बात का पता चला तो उन्होंने स्वत: ही कहा की वो तो राधा के प्रति समर्पित हैं| और देवी सरस्वती के प्यार को देखकर और उन्हें प्रसन्न करने के लिए यह वरदान दिया कि प्रत्येक विद्या की इच्छा रखने वाला माघ मॉस की शुकल पंचमी को तुम्हारा पूजन करेगा| इसलिए माँ सरस्वती की पूजा के बाद विद्या आरम्भ करना शुभ माना जाता है| ऐसे करने से माँ सरस्वती प्रसन्न होती है और विवेकशील बनने का आशीर्वाद देती है| हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार माघ महीने के पांचवें दिन (पंचमी) पर हर साल मनाया जाता है।

हमारे देश में छः ऋतुएँ होती हैं जो अपने क्रम से आकर अपना अलग-अलग रंग दिखाती हैं। लेकिन बसंत ऋतु का अपना अलग वं विशिष्ट महत्व है। इसीलिए बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है| बसंत पंचमी पर धरती जो रूपधारण करती है वह सुन्दरतम होता है| बाग-बगीचे अलग-अलग तरह-तरह के फूलों से जगमगा उठते हैं। सूरजमुखी, गुलाब, चंपा और गुलमोहर के पुष्पों के सौन्दर्य से आकर्षित रंग-बिरंगी तितलियों और मधुमक्खियों के मधुरस पान की होड़-सी लगी रहती है। वसंत ऋतु में मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास भरने लगते हैं।

बसंत पंचमी सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक है। हर कोई बहुत मज़े और उत्साह के साथ इस त्यौहार का आनंद लेता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *