महात्मा गाँधी - Gandhi Jayanti

महात्मा गाँधी – Mahatma Gandhi Jayanti

गांधी जी का जन्म २ अक्तूबर, 1869 को गुजरात के काठियावाड़ प्रांत में पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था| इनके पिता करमचंद गाँधी राजकोट रियासत के दीवाने थे| महात्मा गाँधी के इस जन्म-दिवस को समूचा राष्ट्र एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है| इस दिन सरकारी कार्यालयों, संस्थानों व स्कूलों में अवकाश रहता है|

गाँधी जी बचपन से ही सत्यवादी थे| बैरिस्टर बनने के लिए विलायत जाते समय इन्होने अपनी माता से प्रतिज्ञा की थी कि मांस-शराब नहीं छुएंगे और पराई स्त्री को माता के समान समझेंगे| जीवन-भर इन्होने अपनी प्रतिज्ञा का पालन किया|

विलायत से लौटकर ये दक्षिणी अफ्रीका गये| वहां काले लोगों पर गोरों के अत्याचार देखकर गांधी जी के मन को ठेस लगी| इन्होंने सत्याग्रह किया| इससे वहां की सरकार को झुकना पड़ा|

गाँधी जी वहां से 12 साल बाद भारत लौटे| इन्होंने सारे भारत में घूम-घूमकर देश को उठाने का प्रयत्न किया|

इन्होंने अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे आश्रम बनाया| बाद में इन्होंने वर्धा के पास सेवाग्राम में भी आश्रम बनाया| देश को अंग्रेजों के पंजे से स्वतन्त्र कराने के लिए गाँधी जी ने सत्याग्रह और असहयोग आन्दोलन चलाए|

ये अनेक बार जेल गए| इन्होंने कई बार उपवास किया| हरिजनों की दशा सुधारने का यत्न किया| भारतवासियों को खद्दर पहहने, चर्खा कातने और विदेशी चीजों को त्यागने के लिए कहा| सब जातियों को मिल कर रहने का उपदेश दिया|

इन्होंने नमक सत्याग्रह किया| इनके आंदोलनों में लाखों भारतवासी जेल गए| उन्होंने लाठियां और गोलियां खाई| सन् 1942 में गांधी जी ने ‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन चलाया| गाँधी जी ने भारत को स्वतन्त्र कराया| इसीलिए ये राष्ट्रपिता या बापू कहलाए|

30 जनवरी सन् 1948 को दिल्ली की एक प्रार्थना-सभा में जाते समय नाथूराम गोडसे ने गांधीजी पर गोलियां चला दीं| उन्होंने वहीं पर ‘हे राम’ कहते हुए अपने प्राण त्याग दिए| गांधीजी मर कर भी अमर हैं|

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