प्रतिवर्ष ईसाई समुदाय प्रभु ईसा मसीह की क्रूस पर बलिदान की वर्षगांठ को गुड फ्रायडे या शुभ शुक्रवार के रूप में मनाता है। उनपर आरोप लगाए गए थे कि वह पाखंड कर रहे हैं और खुद को ईश्वर का पुत्र बता रहे हैं। गुड फ्राइडे एक शौक दिवस होता है लेकिन क्योंकि इस दिन ईसा मसीह की मृत्यु हुई थी इस कारण इसे “गुड” फ्राइडे कहकर संबोधित किया जाता है। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं।
गुड फ्राइडे एक ऐसा दिन जब ईसा मसीह ने अपने भक्तों के लिए बलिदान देकर निःस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया। ईसा मसीह ने विरोध और यातनाएँ सहते हुए अपने प्राण त्याग दिए। प्रभु यीशु के वचनों को अमल करने का दिन है गुड फ्राइडे। गुड फ्राइडे की शुरुआत 40 दिन पहले ही हो जाती है। इस धर्म के लोग 40 दिन तक व्रत रखते हैं। गुड फ्राइडे इन 40 दिनों की समाप्ति का दिन होता है। ईसाई पूरे 40 दिन तक संयम और व्रत का निर्वाहन कर अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं।
यह त्यौहार पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, जो ईस्टर सन्डे से पहले पड़नेवाले शुक्रवार को आता है और इसका पालन पाश्कल ट्रीडम के अंश के तौर पर किया जाता है और यह अक्सर यहूदियों के पासोवर के साथ पड़ता है। ईसा मसीह के यरुशलम में विजयी प्रवेश को खजूर रविवार के नाम से मनाया जाता है, क्योंकि लोगों ने ईसा के स्वागत में खजूर की डालियां व वस्त्र उनके रास्ते में बिछा दिए थे।
खजूर रविवार के बाद आने वाला गुरुवार ‘पवित्र गुरुवार’ कहलाता है। इस दिन प्रभु ईसा ने अंतिम भोजन के समय अपने शिष्यों को यह आज्ञा दी थी, ‘तुम एक-दूसरे को प्रेम करो, जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है। यदि तुम आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे शिष्य हो।’
तत्पश्चात प्रभु के क्रूस पर मरण की घटना का महान दिन ‘शुभ शुक्रवार’ या ‘गुड फ्रायडे’ को मनाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि ये धर्म भी अपने मतावलंबियों को प्रेम और क्षमा के अलावा अपनी आत्मा के शुद्धीकरण का संदेश देता है। मान्यता है कि यीशु शुक्रवार से शनिवार तक कब्र में रहने के बाद पुनर्जीवित हो गए थे। इस दिन का महत्व प्रभु यीशु को दी गई यातनाओं को याद करने और उनके वचनों पर अमल करने का है।