दुर्गा (सप्तशती) हवन विधान - Durga (Saptashati) Havan Vidhaan

दुर्गा (सप्तशती) हवन विधान – Durga (Saptashati) Havan Vidhaan

नवरात्रि में अष्टमी की रात्रि को दुर्गा सप्तशती द्वारा हवन किया जाता है। सरल ग्रह सत्यानुसार गणेश स्मरण संकल्प, गणपति मातृका नवग्रह, रुद्र, कलशपूजन विधि पूर्वक भगवती की पूजा करके ब्रह्मा पूजन ब्राह्मण वरणादि करावे पीछे आचार्य, कवचार्गला, कीलक तथा रात्रि सूक्त का पाठ करें। कुशकांडिका करे और “प्रजापतये स्वाहा” से लेकर वरुण गणपति तथा नवग्रह की आहूतियाँ दिलवायें। पीछे नवर्ण मन्त्र तथा प्रथम अध्याय से हवन आरम्भ करें। प्रत्येक मन्त्र की आहूतियाँ 13 अध्याय तक देवें। किसी भी पुस्तक में हवन विधि नहीं लिखी होने से साधारण पण्डित यथा विधि हवन नहीं करा पाते हैं।

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