कावेरी की उत्पत्ति - Story of Kaveri River

कावेरी की उत्पत्ति

प्राचीनकाल में एक समय ऐसा भी था, जब दक्षिण भारत के लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस जाते थे। उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कोई नदी नहीं थी। मुनि अगस्त्य से लोगों की यह पीड़ा देखी न गई और उन्होंने इस समस्या को हल करने की सोची। अगस्त्य मुनि ने तपस्या कर ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया और उन्हें लोगों की समस्या से अवगत कराया। तब ब्रह्मा जी ने थोड़ा-सा पवित्र जल उनके कमंडल में डाल दिया।

यह पवित्र जल लेकर मुनि दक्षिण भारतीय प्रदेश में यहां-वहां भटककर उस उपयुक्त स्थान को खोजने लगे, जहां से नदी का प्रारम्भ हो और वह सभी की जरूरतों को पूरा कर सके। अपनी इस यात्रा के दौरान वे कूर्ग (कोडागु) जा पहुंचे। वैसे तो उन्हें यह जगह बेहद पसंद आई लेकिन सही स्थान के चुनाव को लेकर अभी भी संशय था, उनकी खोज जारी थी। गणेश जी मुनि अगस्त्य के इन प्रयासों को देख रहे थे और उन्होंने उनकी सहायता करने का निश्चय किया। उन्होंने अपना स्वरूप छोटे बच्चे के रूप में परिवर्तित कर लिया और वहां जा पहुंचे जहां मुनि नदी के उद्गम हेतु उचित स्थान तलाश रहे थे। मुनि ने जब एक छोटे बच्चे को अपने सामने देखा तो अपना कमंडल उसे थमा दिया और उचित स्थान की खोज में आगे बढ़ गए। अब चूंकि गणेश जी उनकी सहायता को आ पहुंचे थे, सो उन्हें शीघ्र ही नदी के उद्गम हेतु स्थान मिल गया।

गणेश जी ने पवित्र जल से भरा कमंडल उस स्थान पर रखा और महर्षि को सूचित करने चल दिए। वे यह सोचकर आनंदित थे कि महर्षि को जब इस बात की जानकारी मिलेगी तब वे कितने खुश होंगे।

तभी एक कौआ उधर आ निकला और उस कमंडल पर बैठ गया।

गणेश जी के साथ लौटे मुनि ने जब कौए को कमंडल पर बैठा हुआ देखा तो उसे भगाना चाहा, क्योंकि पक्षियों में कौए को क्षुद्र माना जाता है। कौआ उड़ तो गया लेकिन कमंडल हिलने से पवित्र जल की कुछ बूंदें छलककर वहां गिर गईं। कौए द्वारा छलकाई गई इन बूंदों ने विशाल नदी का रूप ले लिया, जो आज कावेरी के नाम से जानी जाती है। मुनि अगस्त्य के सदप्रयास और गणेश जी की कृपा से दक्षिण भारत के लोगों की तृप्ति के लिए कावेरी का प्रादुर्भाव हुआ।

आज भी लोगों में यह विश्वास व्याप्त है कि मुनि अगस्त्य के सद्प्रयासों और गणेश जी द्वारा उनकी सहायता के फलस्वरूप ही पवित्र कावेरी नदी का धरती पर अवतरण हुआ। वे इसे इस लोक की नहीं अपितु देवलोक की नदी मानते हैं; बिल्कुल गंगा की तरह। कावेरी की पवित्र जलधारा से मानव जाति का उद्धार संभव हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *