श्री गुरू अमरदास जी के चरणों में भाई नंद लाल सिंघ जी की श्रद्धांजलि - Tribute to Bhai Nand Lal Singh ji at the Feet of Shri Guru Amardas Ji

श्री गुरू अमरदास जी के चरणों में भाई नंद लाल सिंघ जी की श्रद्धांजलि

तीसरी पातशाही, गुरू अमरदास जी सत्य के पालनहार, देशों के सुल्तान और सरवावत तथा बख्शिश के प्रसार के संसार सागर की भांति हैं। Read more about श्री गुरू अमरदास जी के चरणों में भाई नंद लाल सिंघ जी की श्रद्धांजलि

दैवी गुणों तथा ज्ञान के पुंज गुरू अमरदास जी - Guru Amardas Ji The Goddess of Divine Properties and Knowledge

दैवी गुणों तथा ज्ञान के पुंज गुरू अमरदास जी (Shri Guru Amar Das Ji)

भट्टों द्वारा गुर की स्तुति में उच्चारित बाणी की तरह गुरू ग्रंथ साहिब में राय बलवंड और सत्ते द्वारा उच्चारित रामकली की वार भी दर्ज है Read more about दैवी गुणों तथा ज्ञान के पुंज गुरू अमरदास जी (Shri Guru Amar Das Ji)

गुरूदेव परम ज्योति में विलीन - Gurudev Merge into Param Jyoti

गुरूदेव परम ज्योति में विलीन

श्री गुरू अमर दास जी ने परम ज्योति में विलीन होने से पहले अपने परिवार के सभी सदस्यों को तथा संगत को एकत्रित किया और कुछ विशेष उपदेश दिये। Read more about गुरूदेव परम ज्योति में विलीन

दुर्गा ब्राहमण व ब्रहमचारी साधू से मेल - Meet with Durga Brahmin and Brahmachari Sadhu

दुर्गा ब्राहमण व ब्रहमचारी साधू से मेल

पूर्वोक्त तरह का एक टिकाना, एक जरनैली सड़क के किनारे बसे मेहड़े गांव (परगना मुलाणा) के दुर्गा ब्राह्मण ने भी बना रखा था। Read more about दुर्गा ब्राहमण व ब्रहमचारी साधू से मेल

श्री गुरु अमर दास जी की जीवनी - Shri Guru Amar Das Ji Introduction

श्री गुरु अमर दास जी की जीवनी

साहिब सतगुरु अमरदास जी का जन्म 5 मई सन् 1479 में, बासरके गांव (अमृतसर से लगभग पांच मील की दूरी पर) हुआ। Read more about श्री गुरु अमर दास जी की जीवनी

सिखी के न्यारे अस्तित्व का उपदेश

भगता की चाल निराली ॥ चाला निराली भगताह केरी बिखम मारगि चलणा ॥ लबु लोभु अहंकारु तजि त्रिसना बहुतु नाही बोलणा ॥
खंनिअहु तिखी वालहु निकी एतु मारगि जाणा ॥ गुर परसादी जिनी आपु तजिआ हरि वासना समाणी ॥ कहै नानकु चाल भगता जुगहु जुगु निराली ॥१४॥

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