गुरू अगंद देव जी को जब यह पता चला कि बीबी जिवाई परमेश्वर की रज़ा को राज़ी होकर मानने की जगह पर उसके विपरीत सोचती रही है तो आपने बड़े प्यार से बीबी को रज़ा वाले गुरमत सिद्धांत पर दृढ़ करवाया । बीबी जिवाई को सतगुरू साहिबान ने कहा कि पुत्री ! परमेश्वर जो करता है, ठीक करता है। उसने अपनी रज़ा में सारी प्रकृति तथा सृष्टि को चलाना है। परमेश्वर का प्यार हृदय में बसाने के लिए आवश्यक है कि हम उसकी रज़ा को सदा खुशी से माने ।।
साहिब श्री गुरू नानक देव जी जपुजी की वाणी में, जो सिखों के रोज़ाना नितनेम की वाणी है, रज़ा संबंधी चार बार यह पवित्र शब्द दुहराए हैं :
“जो त गावै साई अली कार”
फिर, सच्चा बनने तथा झूठ की पोल तोड़ने के लिए भी रज़ा के मालिक के हुकम में खुशी में चलने का उपदेश दिया है।