दो नवाब भाइयों पर कृपा दृष्टि हुई (Shri Guru Gobind Singh Ji)

दो नवाब भाइयों पर कृपा दृष्टि हुई (Shri Guru Gobind Singh Ji)

पटना नगर में दो मुसलमान भाई नवाब रहीम बख्स और करीम बख्स रहते थे। पटना शहर के आस-पास उनकी बहुत जमीन-जायदाद तथा कारोबार था। इसी कारण लोग उन्हें नवाब कहते थे। जब गुरु तेग बहादुर पटना शहर में आये और उनके बगीचे में एकान्त देखकर प्रभु भक्ति में लीन हो गये। वह बगीचा सूख रहा था, पर गुरु जी के चरण पड़ने से हरा-भरा हो गया। परमात्मा के भक्तों में इतनी शक्ति तथा खुशहाली देखकर दोनों भाई गुरु घर के श्रद्धालु हो गये।

जब गुरु तेग बहादुर आसाम की ओर चले गये तो उनके पीछे उनके परिवार में बालक गोबिंद जी पटना में विचरण कर रहे थे। इन भाइयों ने गुरु परिवार को पीर-पैगम्बर समझ कर सेवा की। जब बाला प्रीतम पटना से आनन्दपुर साहिब जाने लगे तो ये दोनों नवाब भाई उदास हो गये।

बाल गोबिंद जी ने कहा कि कुछ माँगना है तो माँगो। उन्होंने हाथ जोड़ कर विनती की कि हमारी इच्छा तो आपके दर्शनों की है। तो बाला-प्रीतम ने उत्तर देते हुए कहा-आपको गुरुदेव पिता प्रतिदिन जपुजी का पाठ करने के लिए कह गये थे। अब जब आप जपुजी का पाठ समाप्त किया करेंगे तो उस समय आपको मेरे दर्शन भी हो जाया करेंगे। उन भाइयों ने एक गाँव पुरा तथा जिस बाग में गुरु जी कुछ समय बैठे थे दोनों को गुरु के लंगर के नाम करवा दिया। अब तक यह गुरुद्वारा पटना साहिब के स्वामित्व में है।

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