श्री गुरु हरगोबिन्द जी - Shri Guru Hargobind Sahib Ji

श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी की जीवनी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरगोविन्द जी का प्रकाश श्री गुरू अर्जुन देव जी के गृह माता गंगा जी के उदर से संवत १६५२ की २१ आषाढ़ शुक्ल पक्ष में तदानुसार १४ जून सन् १५६५ ईस्वी को जिला अमृतसर के बढ़ाली गांव में हुआ। Read more about श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी की जीवनी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरु हरगोबिन्द जी - Shri Guru Hargobind Sahib Ji

चन्दूशाह की चिन्ता (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द जी के बढ़ते हुए तेज-प्रताप की चर्चा जब उनके चचेरे भाई पृथ्वीचन्द के बेटे मेहरबान तक पहुंची तो वह पुनः ईर्ष्या की आग में जलने लगा। Read more about चन्दूशाह की चिन्ता (Shri Guru Hargobind Ji)

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शेर का शिकार (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द जी अपने स्वभाव अनुसार निकट के वनों में अपने जवानों के साथ शिकार खेलने चले जाते। Read more about शेर का शिकार (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरु हरगोबिन्द जी - Shri Guru Hargobind Sahib Ji

एक श्रमिक घासिएं का वृत्तन्त (Shri Guru Hargobind Ji)

जब दिल्ली की संगत को यह ज्ञात हुआ कि श्री गुरू हरिगोविन्द जी ने एक विशालकाय शेर को उसकी मांद में से निकालकर सदा की नींद सुला दिया है तो वे गुरूदेव के दर्शन को उमड़ पड़े। Read more about एक श्रमिक घासिएं का वृत्तन्त (Shri Guru Hargobind Ji)

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सम्राट को राजकीय ज्योतिषि द्वारा ग्रहों का प्रकोप बताना (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द जी के सम्राट के साथ मधुर सम्बन्ध देखकर चन्दू शाह को बहुत चिन्ता हुई। वह अपना रचा हुआ षड्यन्त्रा विफल होता देख, भयभीत होने लगा। Read more about सम्राट को राजकीय ज्योतिषि द्वारा ग्रहों का प्रकोप बताना (Shri Guru Hargobind Ji)

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श्री गुरू हरिगोविन्द जी ग्वालियर के किले में (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द जी का ग्वालियर के किलेदार ने भव्य स्वागत किया क्योंकि उसे सम्राट की ओर से आदेश मिला कि गुरूदेव जी मेरे लिए वहां तपस्या करेंगे। Read more about श्री गुरू हरिगोविन्द जी ग्वालियर के किले में (Shri Guru Hargobind Ji)

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श्री गुरू हरिगोविन्द जी की ग्वालियर से अमृतसर वापसी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द जी को मंत्री वज़ीर खान ग्वालियर के किले से लौटा लाया। Read more about श्री गुरू हरिगोविन्द जी की ग्वालियर से अमृतसर वापसी (Shri Guru Hargobind Ji)

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कुमारी कौलां गुरू शरण में (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द जी से विदा लेकर सम्राट लाहौर पहुँच तो गया किन्तु उस का मन नहीं लगा वह गुरूदेव से स्नेह करने लग गया था। Read more about कुमारी कौलां गुरू शरण में (Shri Guru Hargobind Ji)

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सुलक्षणी देवी की मनोकामना फलीभूत (Shri Guru Hargobind Ji)

पंजाब का एक ग्राम जिस का नाम चब्बा था, वहां एक महिला के कोई सन्तान नहीं हुई। उसने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बहुत से उपचार भी किये और अनेक धार्मिक स्थलों पर सन्तान प्राप्ति के लिए प्रार्थनाएं भी की। Read more about सुलक्षणी देवी की मनोकामना फलीभूत (Shri Guru Hargobind Ji)

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पैंदे खान (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्दजी पंजाब के मांझे क्षेत्रा में प्रचार दौरे पर चल पड़े। आप जी करतारपुर में ठहरे। यह नगर श्री गुरू अर्जुनदेव जी द्वारा बसाया गया था। Read more about पैंदे खान (Shri Guru Hargobind Ji)