श्री गुरु हरगोबिन्द जी - Shri Guru Hargobind Sahib Ji

भाई गोपाला जी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द जी ने अपने पूर्वज गुरूजनों के अनुसार कोई भी आध्यात्मिक ज्ञान की काव्य रचना नहीं की किन्तु वह अपने पूर्वज गुरूजनों की रचित वाणी पर अथाह श्रद्धा, विश्वास रखते थे। Read more about भाई गोपाला जी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरु हरगोबिन्द जी - Shri Guru Hargobind Sahib Ji

श्री अटल राय जी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द जी के पाँच पुत्रा थे। उनका चौथा पुत्रा अटल राय जी बहुत तेजस्वी थे। Read more about श्री अटल राय जी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरु हरगोबिन्द जी - Shri Guru Hargobind Sahib Ji

भाई तिलका जी (Shri Guru Hargobind Ji)

भाई तिलकाजी श्री गुरू हरिगोविन्द साहब के समकालीन एक सिक्ख हुए हैं। आप गढ़शंकर, जिला होशियारपुर के विनासी थे। Read more about भाई तिलका जी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरु हरगोबिन्द जी - Shri Guru Hargobind Sahib Ji

प्रथम युद्ध (Shri Guru Hargobind Ji)

सम्राट जहाँगीर की मृत्यु के पश्चात् श्री गुरू हरि गोविन्द साहब के प्रशासन के साथ सम्बन्धों में वह मधुरता न रही। धीरे धीरे कट्टरपंथी हाकिमों के कारण तनाव बनता चला गया। Read more about प्रथम युद्ध (Shri Guru Hargobind Ji)

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हरगोबिन्द पुर में द्वितीय युद्ध (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू अर्जुन देव जी ने अपने जीवनकाल में अनेकों कार्य किये थे परन्तु करतारपुर नगर का निर्माण उनका अद्वितीय कार्य था। Read more about हरगोबिन्द पुर में द्वितीय युद्ध (Shri Guru Hargobind Ji)

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नानक मते के लिए प्रस्थान (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द साहब जी के सांडू सांई दास जी डरोली ग्राम में निवास करते थे। उन्होंने एक नई इमारत (हवेली) बनवाई। यह अति सुन्दर तथा सुख सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई थी। Read more about नानक मते के लिए प्रस्थान (Shri Guru Hargobind Ji)

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समर्थ रामदास से भेंट (Shri Guru Hargobind Ji)

पीलीभीत से लौटते हुए श्री गुरू हरिगोविन्द जी हरिद्वार ठहरे। आपके साथ हर समय अपना सैन्यबल रहता था। Read more about समर्थ रामदास से भेंट (Shri Guru Hargobind Ji)

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माई भागभरी (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू अर्जुन देव जी ने अपने समय में माधोदास नामक प्रचारिक को कश्मीर भेजा था कि वह वहां की जनता में गुरूमति सिद्धान्तों को प्रचार करे। Read more about माई भागभरी (Shri Guru Hargobind Ji)

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भाई कट्टू शाह (Shri Guru Hargobind Ji)

जैसे कि हम पिछले अध्याय में पढ़ चुके हैं कि भाई कटू शाह जी काश्मीर घाटी के प्रारम्भ में बारामूला नगर के निकट निवास करते थे। Read more about भाई कट्टू शाह (Shri Guru Hargobind Ji)

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शाह उद दौला, पीर से भेंट (Shri Guru Hargobind Ji)

श्री गुरू हरिगोविन्द साहब जी कश्मीर से लौटते समय पश्चिमी पँजाब के जिला गुजरात में ठहर गये। जब आप वहां पर पड़ाव डालकर विश्राम कर रहे थे तो स्थानीय संगत आपके दर्शनों को उमड़ पड़ी। Read more about शाह उद दौला, पीर से भेंट (Shri Guru Hargobind Ji)