ज्योति में विलीन होना – Jyoti Mein Vileen Hona (Guru Ram Das ji)

श्री गुरु अर्जुन देव जी को गुरु पद प्रदान करने के पश्चात श्री गुरु रामदास जी गोइंदवाल चले गए। साथ में गुरु अर्जुन देव जी को भी ले गए। कुछ दिन गोइंदवाल टिकने के पश्चात आप पहली सितंबर सन 1581 (तदनुसार 2 असू संवत 1638) को ज्योति में विलीन हे गए। चंद्र के हिसाब से उस दिन भाद्रव सुदी ३ थी। उस समय आपकी कुल आयु केवल 47 वर्ष की ही थी।

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