हिंदुस्तान में प्राचीन धमों ने यह प्रचार किया हुआ था कि ग्रहस्थ में रहते हुए मुक्ति प्राप्त नहीं हो सकती। इसीलिए मुक्ति के चाहवान आबादी से दूर जंगलों व केंद्राओं में रहना शुरू कर देते थे और अनेकों प्रकार के जप-तप करते थे। Read more about गृहस्थ में मुक्ति – Grhasth Mein Mukti (Guru Ram Das Ji) …