गृहस्थ में मुक्ति - Grhasth Mein Mukti (Guru Ram Das Ji)

गृहस्थ में मुक्ति – Grhasth Mein Mukti (Guru Ram Das Ji)

हिंदुस्तान में प्राचीन धमों ने यह प्रचार किया हुआ था कि ग्रहस्थ में रहते हुए मुक्ति प्राप्त नहीं हो सकती। इसीलिए मुक्ति के चाहवान आबादी से दूर जंगलों व केंद्राओं में रहना शुरू कर देते थे और अनेकों प्रकार के जप-तप करते थे। Read more about गृहस्थ में मुक्ति – Grhasth Mein Mukti (Guru Ram Das Ji)

आत्मिक सुख की प्राप्ति - Attain Spiritual Happiness (Guru Ram Das Ji)

आत्मिक सुख की प्राप्ति – Attain Spiritual Happiness (Guru Ram Das Ji)

भाई महां नंद जी व भाई बिधी चंद जी मुरू जी की शरण आए। एक दिन कहने लगे, ‘हे सच्चे पातशाह जी! सुख की प्राप्ति के लिए जगह-जगह भटकते रहे हैं पर अंत:करण का सुख कैसे प्राप्त हो सकता है। और जन्म व मृत्यु का दुख कैसे दूर किया जा सकता है? Read more about आत्मिक सुख की प्राप्ति – Attain Spiritual Happiness (Guru Ram Das Ji)

गुरसिखों की सेवा - Gursikhon Ki Sewa (Guru Ram Das Ji)

गुरसिखों की सेवा – Gursikhon Ki Sewa (Guru Ram Das Ji)

गुरू नानक साहिब ने जो संगतें स्थापित की थीं, उनका एक प्रयोजन तो प्रभु का स्तुति गायन, गुरबाणी की विचार या कीर्तन करना था। Read more about गुरसिखों की सेवा – Gursikhon Ki Sewa (Guru Ram Das Ji)

अमृतवेला की संभाल - Amritvela Handle (Guru Ram Das Ji)

अमृतवेला की संभाल – Amritvela Handle (Guru Ram Das Ji)

भाई मइया, भाई जापा, भाई नइया और भाई तुलसा आदि सिखों ने विनती की कि हम तो गृहस्थ में लिपटे पड़े हैं, कोई उद्धार की राह बताओ। Read more about अमृतवेला की संभाल – Amritvela Handle (Guru Ram Das Ji)

केंद्रीय धर्म स्थान की स्थापना - Establishment of Central Religions (Guru Ram Das Ji)

केंद्रीय धर्म स्थान की स्थापना – Establishment of Central Religions (Guru Ram Das Ji)

किसी भी कौम के निर्माण में केंद्रीय धर्म स्थान का विशेष महत्व होता है। यह मात्र शहर ही नहीं होता बल्कि विशेष विचारधारा और सभ्यता की प्रतीक होता है। Read more about केंद्रीय धर्म स्थान की स्थापना – Establishment of Central Religions (Guru Ram Das Ji)

आर्थिक सुधार के लिए यत्न - Striving for Economic Reform (Guru Ram Das Ji)

आर्थिक सुधार के लिए यत्न – Striving for Economic Reform (Guru Ram Das Ji)

किसी भी कौम के विकास और उज्जवल भविष्य के लिए उसका आर्थिक ढांचा भी विशेष महत्व रखता है। इसीलिए गुरु नानक देव जी ने नाम का जाप करने के साथ, परिश्रम करने व मिल बांट कर खाने के सिद्धांत का प्रचार भी किया था। Read more about आर्थिक सुधार के लिए यत्न – Striving for Economic Reform (Guru Ram Das Ji)

विरासत की संभाल - Inheritance Handle (Guru Ram Das Ji)

विरासत की संभाल – Inheritance Handle (Guru Ram Das Ji)

श्री गुरु रामदास जी ने अपनी बाणी में गुरु नानक पातशाह जी की विशाल विरासत को संभाला। ऐसी साखियों व घटनाओं का वर्णन किया जो गुरमत मार्ग की महानता को दर्शाती हैं। Read more about विरासत की संभाल – Inheritance Handle (Guru Ram Das Ji)

मर्यादा व रहन-सहन की रीतियों को पक्का किया - Confirmed the Policy of Dignity and living (Guru Ram Das Ji)

मर्यादा व रहन-सहन की रीतियों को पक्का किया – Confirmed the Policy of Dignity and living (Guru Ram Das Ji)

गुरबाणी में भिन्न-भिन्न स्थानों पर गुरसिख के गुणों और उसके कर्तव्यों का वर्णन किया गया है। Read more about मर्यादा व रहन-सहन की रीतियों को पक्का किया – Confirmed the Policy of Dignity and living (Guru Ram Das Ji)

समाज सुधार - Society Improvement (Guru Ram Das Ji)

समाज सुधार – Society Improvement (Guru Ram Das Ji)

भारतीय समाज में स्त्रियों की बहुत दुर्दशा थी। गुरु नानक पातशाह ने सो कि मंदाः आरवी जित जंमहि राजान कह कर स्त्री की महानता को दर्शाया है। Read more about समाज सुधार – Society Improvement (Guru Ram Das Ji)

गुरु ज्योति गुरु अर्जुन में (गुर जोति अरजुन माहि धरी) - Jyoti Jyot Guru Ram Das Ji (Guru Ram Das Ji)

गुरु ज्योति गुरु अर्जुन में (गुर जोति अरजुन माहि धरी) – Jyoti Jyot Guru Ram Das Ji (Guru Ram Das Ji)

श्री गुरु राम दास जी के तीनों सपुत्रों में से (गुरु) अर्जुन देव जी बहुत तीक्ष्ण बुद्धि वाले थे। गुरु नानक देव जी के आशय को उन्होंने सहज ही समझ लिया था। Read more about गुरु ज्योति गुरु अर्जुन में (गुर जोति अरजुन माहि धरी) – Jyoti Jyot Guru Ram Das Ji (Guru Ram Das Ji)