शनिवार व्रत की आरती - Shanivar (Saturday) Vrat Aarti

शनिवार व्रत की आरती – Shanivar Vrat Ki Aarti

चार भुजा तहि छाजै, गदा हस्त प्यारी | जय ०
रवि नंदन गज वंदन,यम अग्रज देवा |
कष्ट न सो नर पाते, करते तब सेना | जय ०

तेज अपार तुम्हारा, स्वामी सहा नहीं जावे |
तुम से विमुख जगत में,सुख नहीं पावे | जय ०

नमो नमः रविनंदन सब ग्रह सिरताजा |
बंशीधर यश गावे रखियो प्रभु लाज | जय ०

 

शनिवार वर्त की विधि इस प्रकार है:

  • इस दिन शनि की पूजा होती है |
  • काला तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द शनि को बहुत प्रिय है |
  • शनि की पूजा भी इनके द्वारा की जाती है |
  • शनि की दशा को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है |
  • शनि सत्रोत का पाठ भी विशेष लाभदायक सिद्ध होता है |

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