श्री कृष्णचन्द्र जी की आरती - Shri Kishanchandra Ji Ki Aarti

श्री कृष्णचन्द्र जी की आरती

आरती युगल किशोर की कीजै |
राधे धन न्यौछावर कीजै || टेक ||

रवि शशि कोटि बदन की शोभा |
ताहि निरख मेरो मन लोभा || आरती

गौर श्याम मुख निरखत रीझै |
प्रभु को रूप नयन भर पीजै || आरती

कंचन थार कपूर की बाती |
हरि आये निर्मल भई छाती || आरती

फूलन के सेज फूलन की माला |
रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला || आरती

मोर मुकुट कर मुरली सोहै |
नटवर वेष देख मन मोहे || आरती

आधा नील पीतपट सारी |
कुंज बिहारी गिरवर धारी || आरती

श्री पुरुषोत्तम गिरवर धारी |
आरती करत सकल ब्रजनारी || आरती

नन्दनन्दन वृषभान किशोरी |
परमानन्द स्वामी अविचल जोरी || आरती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *