इच्छित वर प्राप्त हेतु दो मंत्र - Ichchhit Var Praapt Hetu Do Mantra

इच्छित वर प्राप्त हेतु दो मंत्र – Ichchhit Var Praapt Hetu Do Mantra

ॐ वलाई आरत की करु स्वाहा ||


ॐ :- इस मंत्र कि साधना 49 दिनों कि है | इस मंत्र कि सिद्धि चाहने वाले साधक ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करते हुए सिर्फ एक समय अपने हाथों से भोजन पका कर खायें | भोजन में सिर्फ जौ के आटे कि रोटी एवं चोलाई साग ( एक प्रकार कि हरी साग ) ही ग्रहण करें | इन दिनों साधक मौन व्रत रखें अगर बोलने पड़े तब या भोजन-कर, मल-मूत्र त्यागने, निद्रां आदि के पूर्व एवं बाद में हर बार 60 बार इस मंत्र का जप कर प्रायश्चित करें|

किसी एकांत स्थान पर श्वेत वस्त्र पहन एवं श्वेत आसन पर बैठकर इसे जपें | इक्कीस दिन के बाद सताईसवें दिन तक इस मंत्र का देवता दिखायी देता है या उसकी आवाज सुनाई पड़ती है | डरें नहीं पैतिसवें दिन के पाश्चात् इक्ततालिसवें या उन्चासवें दिन किसी जोगी या फकीर के रूप में दर्शन होने पर यह जोगी-फकीर प्रयोग कर्ता से लोबान-धूप (ईत्र) सुगंधित वास्तु कि मांग करेगा,जिसे देना नहीं चाहिये |

नोट :- सुगंधित वस्तु देने से ‘साधना’ की शक्ति नष्ट हो जाती है और दोबारा “प्रयोग” (साधना) करना पड़ता है|

विशेष :- प्रयोग के उपरांत कोई अनुचित कार्य कदापि न करें, धर्म-पुष्प के कार्य ही सम्पादित करें | मंत्र का देवता आप के कहेनुसार जो वस्तु मंगाओगे वह लाएगा जहाँ भेजोगे जाएगा (अगर किसी वस्तु की आवश्यकता हो तो मूल्य देकर ही मांगनी चाहिये तो प्रायश्चित नही होगा | अनुचित कार्य करने से सिद्धि चली जाएगी ) यह मंत्र अत्यंत चमत्कारी है इसका उपयोग जन सेवा हेतु करें | इसी विधि से सिद्ध होने वाला एक और मंत्र – ॐ बिआलिया आसुत का सुत कासतु स्वाहा ||

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