एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते । अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर ।। Read more about सूर्य अर्घ्य मंत्र …
एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते । अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर ।। Read more about सूर्य अर्घ्य मंत्र …
अनिध्यं कुरु माले त्वं गृह् णामि दक्षिणे करें । जापकाले च सिद्धयर्थें प्रसीद मम सिद्धये ।। Read more about माला जपते समय का मंत्र …
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन । यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे ।। Read more about क्षमा प्रार्थना मंत्र …
शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत् पिता । शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः ।। Read more about श्री शीतला स्तुति …
अश्वत्थाय वरेण्याय सर्वैश्वर्यदायिने । अनन्तशिवरुपाय वृक्षराजाय ते नमः ।। Read more about पीपल पूजन मंत्र …
ॐ महादेव्यै विह्महे दुर्गायै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ।। Read more about श्री दुर्गा गायत्री मंत्र …
सायं ज्योतिः परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः । दीपो हरतु मे पापं सन्ध्यादीप नमोऽस्तु ते ।। Read more about सायं दीप स्तुति मन्त्र …
गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् । त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ।। Read more about श्री गंगा जी की स्तुति …
यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च । तानि तानि प्रणश्यन्ति प्रदक्षिण पदे पदे ।। Read more about प्रदक्षिणा मंत्र …
केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम । पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।। Read more about तिलक लगाने का मन्त्र …