ऋद्धि-सिद्धि - दायक श्री गणेश मंत्र - Riddhi-Siddhi - Daayak Shree Ganesh Mantra

ऋद्धि-सिद्धि – दायक श्री गणेश मंत्र – Riddhi-Siddhi – Daayak Shree Ganesh Mantra

ॐ नमो आदेश गुरु का | गणपति बीर , बसे मसाने | जो-जो
माँगू, सो सो आण | पाँच लाडू, सिर सिन्दूर, हाटि का माँटी,
मसाण की खेप | ॠद्धि सिद्धि मेरे पास भयावे | शब्द साँचा,
पिण्ड काँचा | फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ||


विधि :-

इस मंत्र ग्रहण – काल या पर्व – काल में जप कर सिद्ध कर लें | जब कभी किसी बड़े भोज आदि का प्रबन्ध करना हो तो इस प्रयोग करें | भोज तैयार होने पर साधक पाँच लड्डू लें तथा उसके ऊपर सिंदूर का टीका लगायें |

पुन : एक कलश एवं रस्सी तथा ए़क साफ कपड़ा (जिससे कलश का मुँह बांधा जा सके ) लेकर कुँए पर जाकर सर्व प्रथम कलश में ए़क लड्डू श्री गणपती के मंत्र का जाप करते हुए डालें और कपड़े से कलश का मुँह ढक कर बाँधे तथा रस्सी में बाँधकर कुएँ में, जल निकालने के लिए डालें | जब कलश में जल भर जाय तब दो लड्डू लेकर कुएँ में डाल दें और जल से भरा कलश ऊपर खींच लें | सावधानी पूर्वक कलश को घर लें आयें और भोजन सामग्री ( भण्डारा ) के बीच स्थापित कर दें साथ ही तमाम सामग्री को साफ चद् दर आदि से ढक दें | इसके पाश्चात् शेष दो लड्डूओं को अपने गोत्र – देव – देवी या कुल – देवता को चढ़ा दें, धूप, दीप, नैवेघ द्वारा पूजन कर, सर्व प्रथम ब्राह्मणों को बिठायें (साथ में अन्य भोज वालों को भी बिठा सकते हैं ) और मेहमानों को भोजन करायें, श्रद्धा – विश्वास बनायें रखें श्री गणेश जी की कृपा से भोज कार्य क्रम सफल रहेगा | भोज समाप्ति पर “कलश” का विसर्जन करके “कलश ” के लड्डू को गौ-माता को खिला दें |

नोट :- सम्पूर्ण क्रिया करते समय मंत्र जपते रहना चाहिए |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *