ॐ परब्रह्म परमात्मने नम: |
उत्पति स्थिति प्रलय कराय, ब्रह्म हरिंराय त्रिगुणात्मने सर्व कौतुक दर्शय दर्शय दतात्रायाय: नम: |
मंत्र तंत्र सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ||
विधि :-
इस मंत्र की सिद्धि एक लाख जप से होती है| साधक इसे प्रयोग से पहले इक्कीस दिनों की साधना होली या दीपावली से शुरू कर सिद्ध कर लें| जप की पूर्ति होने पर दशांश हवन करें| पश्चात् कभी भी एक सौ आठ मंत्र जप कर किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है| मंत्र की स्थिरता के लिए प्रतिदिन एक माला का जाप आवश्यक हैं|