ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ॐ नम: सरस्वत्य: ||
विधि :- इस मंत्र की सिद्धि दस हजार जप करने से होती है | तथा इसके साथ इस दवा का प्रयोग करने से स्मृति शक्ति का विकास होता है एक किलो घी को बकरी के चार किलो दूध में मिला दे इसमें 5 केवड़े के फूल, सहजने की जड़ का चूर्ण एक चम्मच, थोड़ा सा सेंधा नमक डाल दें और इसे हल्की आग पर रख दें | जब दूध जल जाय तो उतार लें | इस घृत में पुन : दूध और दवायें डालकर धीमी आंच पर पकाये | यह क्रिया तीन बार करें और इसका सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है |