सपन सलोनी सुन्दर लोनी, गगन पे चांद बरोनी |
राजा परजा सबहि पुकारी, दोऊ कर जोरे वन्दें सारे |
रात-रात में हाल दिखावे, सपने में लीला सब आए |
आगल-पाछल सकल बतावे, लूणा जोगन दरश करावे |
न बतलाए हमार अनोरथ, गिरे, शूकर मैला में जावे |
दुहाई शिव शंकर की मन्सा पूरन की ||
विधि :- इस मंत्र की सिद्धि नव-रात्रि में दस हजार जप करने से हो जाती है | सिद्धि के बाद जब आवश्कता होवे तब साधक एक समय भोजन करके सोने से पहले एक स्वछ पवित्र जल से भरा कलश (मिट्टी से बना) लेवें | उस में आम के पते डाल कर अपने सामने रख कर उक्त मंत्र की एक माला जप करें फिर कलश को सिरहाने की ओर रखकर दायीं करवट से मन ही मन जप करते हुए सो जाएँ | सोने से पूर्व कागज एवं कलम अपने समीप रखकर जमीन पर शयन करें | रात्रि समय में साधक जिस समस्या का हल खोजना चाहता है उसका हल उसे स्वप्न में मिल जाता है | नींद खुलते ही स्वप्न को तुरंत लिख लेना चाहिए |