एक थी हरी-भरी वादी। फूलों व फलों से लदी पेड़ों वाली वादी। चारों ओर हरियाली ही हरियाली थी। रंग-बिरंगे पक्षियों का तो घर था वह वादी। वादी से सदा पक्षियों की आवाजे गूंजती रहती थीं। Read more about स्वार्थी दैत्याकार – The Selfish giant …
06NOVEMBER
एक थी हरी-भरी वादी। फूलों व फलों से लदी पेड़ों वाली वादी। चारों ओर हरियाली ही हरियाली थी। रंग-बिरंगे पक्षियों का तो घर था वह वादी। वादी से सदा पक्षियों की आवाजे गूंजती रहती थीं। Read more about स्वार्थी दैत्याकार – The Selfish giant …