श्री गुरु अर्जुन देव जी की जीवनी (Shri Guru Arjan Dev Ji) - Shri Guru Arjan Dev Ji Introduction

श्री गुरु अर्जुन देव जी की जीवनी (Shri Guru Arjan Dev Ji)

श्री गुरू अरजन देव जी का प्रकाश (जन्म) संवत 1620 की 3 बैशाख तदानुसार 15 अप्रैल सन् 1563 को गोइंदवाल नामक स्थान पर श्री गुरू रामदास जी के गृह श्रीमती भानी जी के उदर से हुआ। Read more about श्री गुरु अर्जुन देव जी की जीवनी (Shri Guru Arjan Dev Ji)

श्री गुरु अर्जुन देव जी - गुरु गद्दी की प्राप्ति - Receiving Shri Guru Arjun Dev Ji Guru Gaddi

श्री गुरु अर्जुन देव जी – गुरु गद्दी की प्राप्ति (Shri Guru Arjan Dev Ji )

इस बार सावधानी पूर्वक संदेशवाहक ने पृथीचंद की दृष्टि बचाकर तीसरा पत्र श्री गुरू राम दास जी के हाथों में सजे हुए दरबार में दे दिया। Read more about श्री गुरु अर्जुन देव जी – गुरु गद्दी की प्राप्ति (Shri Guru Arjan Dev Ji )

भट्ट कवियों का गुरू दरबार में आगमन (Shri Guru Arjan Dev Ji) - Bhat Poets Arrive in Guru Court

भट्ट कवियों का गुरू दरबार में आगमन (Shri Guru Arjan Dev Ji)

श्री गुरू राम दास जी के निधन का समाचार फैलते ही संगत दूर-दराज के क्षेत्रों से उनकी तेहरवी के समारोह में सम्मिलित होने गोईदवाल एकत्र होने लगी, इन संगत के मुखी जनों के साथ कुछ भट्ट विद्वानों की भेंट हो गई। Read more about भट्ट कवियों का गुरू दरबार में आगमन (Shri Guru Arjan Dev Ji)

पृथी चन्द द्वारा गुरू-घर की नाका बंदी (Shri Guru Arjan Dev Ji) - Prithi Chand Dvara Guru Ghar ki Nakabandi

पृथी चन्द द्वारा गुरू-घर की नाका बंदी (Shri Guru Arjan Dev Ji)

श्री गुरू रामदास जी के परम ज्योति में विलीन हो जाने के पश्चात दस्तार बंदी की रस्म पूरा कर के, श्री गुरू अरजन देव जी गोईदवाल से वापिस अमृतसर आ गये। Read more about पृथी चन्द द्वारा गुरू-घर की नाका बंदी (Shri Guru Arjan Dev Ji)

श्री गुरु अर्जन देव जी की दिनचर्या

श्री गुरू अरजन देव जी ने श्री अमृतसर में गुरू – दरबार की मर्यादा वही पहले गुरूजनों के अनुसार ही रखी। Read more about श्री गुरु अर्जन देव जी की दिनचर्या

दैवी नम्रता के पुंज - Devi Namrata Ke Punj

दैवी नम्रता के पुंज (Shri Guru Arjan Dev Ji)

जब श्री गुरू रामदास जी के सच्चरखण्ड गमन और श्री गुरु अर्जुनदेव जी के गुरू गद्दी पर विराजमान होने का समाचार दूर प्रदेशों में पहुँचा तो वहाँ की संगत काफिले बना बना कर पाँचवे गुरूदेव जी के दर्शनों को उमड़ पड़ी। Read more about दैवी नम्रता के पुंज (Shri Guru Arjan Dev Ji)

भाई भिखारी जी - Bhai Bhikhari Ji

भाई भिखारी जी (Bhai Bhikhari Ji)

श्री गुरू अरजन देव जी के दरबार में एक दिन एक गुरमुख सिंघ नाम का श्रद्धालु उपस्थित हुआ और वह विनती करने लगा। हे गुरूदेव! Read more about भाई भिखारी जी (Bhai Bhikhari Ji)

दोआबा का चौधरी - Doaba Choudhury

दोआबा का चौधरी

श्री गुरू अर्जुन देव जी के दरबार में एक दिन भाई पुरिया व भाई चूहड़ के नेतृत्व में दोआबा क्षेत्र का चौधरी मंगलसेन आया। Read more about दोआबा का चौधरी

मूर्ति उपासक ब्राह्मण - Iidol Worshiper Brahmin

मूर्ति उपासक ब्राह्मण

श्री गुरू अर्जुन देव जी एक दिन रामदास सरोवर की परिक्रमा कर रहे थे तो उनकी दृष्टि एक ब्राह्मण पर पड़ी जो अपने समक्ष एक मूर्ति स्थापित कर उस की पूजा अर्चना में व्यस्त था। Read more about मूर्ति उपासक ब्राह्मण

व्यापारी गंगा राम जी - Vyapari Ganga Ram Ji

व्यापारी गंगा राम जी (Ganga Ram Ji)

श्री गुरू अर्जुन देव जी, राम दास सरोवर के केन्द्र में हरि मन्दिर साहब की इमारत का निर्माण करवा रहे थे, उन्हीं दिनों देश में वर्षा न होने के कारण कई क्षेत्र सूखाग्रस्त थे। Read more about व्यापारी गंगा राम जी (Ganga Ram Ji)