श्री गुरू अरजन देव जी के दरबार में एक दिन आगरा नगर से संगत काफले के रूप में एकत्र होकर पहुंची उन में से अधिकांश भाई गुरदास जी के प्रवचन सुना करते थे किन्तु अब लम्बे समय से भाई गुरदास जी आगरा त्याग कर गुरू चरणों में सेवा करते थे। Read more about आगरे नगर की संगत …