प्रदोष का अर्थ है रात्रि का शुभ आरम्भ|इस व्रत के पूजन का विधान इसी समय होता है| इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहते हैं| Read more about प्रदोष व्रत कथा एवं विधि …
प्रदोष का अर्थ है रात्रि का शुभ आरम्भ|इस व्रत के पूजन का विधान इसी समय होता है| इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहते हैं| Read more about प्रदोष व्रत कथा एवं विधि …
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत किया जाता है|यह स्त्रियों का मुख्य त्यौहार है| सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती हैं| Read more about करवा चौथ व्रत कथा एवं विधि …
यह व्रत कार्तिक लगते ही अष्टमी को किया जाता है| जिस वार की दीपावली होती है अहोई आठें भी उसी वार की पड़ती है| इस व्रत को वे स्त्रियाँ ही करती हैं जिनके सन्तान होती हैं| Read more about अहोई अष्टमी व्रत कथा एवं विधि …
सर्व मनोकामनाओ की पूर्ति हेतु रविवार का वर्त श्रेस्ठ है| Read more about रविवार (इतवार) व्रत एवं विधि …
एक नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर में उस व्यापारी का सभी लोग मान-सम्मान करते थे। Read more about सोमवार व्रत कथा एवं विधि …
ऋषिनगर में केशवदत्त ब्राह्मण अपनी पत्नी अंजलि के साथ रहता था। केशवदत्त के घर में धन-संपत्ति की कोई कमी नहीं थी। Read more about मंगलवार व्रत कथा एवं विधि …
एक समय किसी नगर एक साहुकार था| वह बहुत धनवान था। साहुकार का विवाह नगर की सुंदर और गुणवंती लड़की से हुआ था। Read more about बुधवार व्रत कथा एवं विधि …
प्राचीन समय की बात है – एक बड़ा प्रतापी तथा दानी राजा था । वह प्रत्येक गुरुवार को व्रत रखता एवं पुन्य करता था । Read more about गुरुवार (बृहस्पतिवार) व्रत कथा एवं विधि …
एक बुढ़िया थी और उसके सात पुत्र थे। छः कमाने वाले थे, एक निकम्मा था। Read more about शुक्रवार व्रत कथा एवं विधि …
एक समय स्वर्गलोक में ‘सबसे बड़ा कौन?’ के प्रश्न पर नौ ग्रहों में वाद-विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि परस्पर भयंकर युद्ध की स्थिति बन गई। Read more about शनिवार व्रत कथा एवं विधि …