विधि:
स्नान कर भगवान शंकर की प्रतिमा को स्नान कराकर विल्वपत्र, फूल आदि से पूजन करते हैं तथा रात्रि को मन्दिर में जागरण करना चाहिए| पूजन के बाद यथाशक्ति ब्रह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा देकर व्रत का समापन करना चाहिए|
स्नान कर भगवान शंकर की प्रतिमा को स्नान कराकर विल्वपत्र, फूल आदि से पूजन करते हैं तथा रात्रि को मन्दिर में जागरण करना चाहिए| पूजन के बाद यथाशक्ति ब्रह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा देकर व्रत का समापन करना चाहिए|