विधि:
वट वृक्ष के नीचे मिटटी की बानी सावित्री और सत्यवान तथा भैंसे पर सवार यम की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करनी चाहिए तथा बड़ की जड़ में पानी देना चाहिए| पूजा के लिए जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल तथा धूप होनी चाहिए| जल से वट वृक्ष को सींच कर तने के चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए| इसके बाद सत्यवान और सावित्री की कथा सुननी चाहिए| कथा के बाद भीगे हुए चनों का बायना निकालकर उस पर यथाशक्ति रूपये रखकर अपनी सास को देना चाहिए तथा उनके चरण स्पर्श करना चाहिए|